7th Feb – Rose Day-Tuesday 8th Feb – Propose Day-Wednesday 9th Feb – Chocolate Day-Thursday 10th Feb – Teddy Day- Friday 11th Feb – Promise Day- Saturday 12th Feb – Kiss Day- Sunday 13th Feb – Hug Day- Monday 14th Feb – Valentines day- Tuesday 15th Feb – Slap Day- Wednesday 16th Feb – Kick Day- Thursday 17th Feb – Perfume Day- Friday 18th Feb – Flirting Day- Saturday 19th Feb – Confession Day- Sunday 20th Feb – Missing Day- Monday 21st Feb – Break Up Day- Tuesday वैलेंटाइन डे का नाम तीसरी सदी में रोम में रहने वाले कैथोलिक पादरी वेटिनाटाइन डे के नाम पर रखा गया है। सेंट वेलेंटाइन के बारे में कई कहानियाँ हैं और समय के साथ ये कहानियाँ उस कहानी में विकसित हुई हैं जिसे हम आज जानते हैं। वेलेंटाइन के समय में, कई रोमन ईसाई ईसाई बन रहे थे, लेकिन सम्राट क्लॉडियस द्वितीय एक मूर्ति था, और ईसाईयों को क्या करने की अनुमति दी गई थी, इस बारे में सख्त नियम बनाए गए थे। क्लॉडियस का मानना था कि रोमन सैनिकों को पूरी तरह से रोम के लिए समर्पित होना चाहिए, और इसलिए एक कानून पारित किया...
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how to propose a girl / Boy प्रपोज करने के लिए लोग आमतौर पर गुलाब के फूल की ही क्यों प्रयोग करते हैं। नहीं जानते तो अब जान लीजिए। Why do people usually use the flowers of the rose to propose. Do not know then know now. Valentine's day special
क्या आप जानते हैं कि सीरिया की शाहजादी पीले गुलाब से प्रेम करती थी। मुगल बेगम नूरजहां को लाल गुलाब सबसे अधिक प्रिय था। कहते हैं कि नूरजहां के दिल को खुश करने के लिए उनके शौहर रोज टनों के हिसाब से ताजे गुलाब उनके महल भिजवाया करते थे। यही नहीं गुलाब के इत्र का आविष्कार नूरजहां ने किया था। दूसरी खास बात ये कि भारतके पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू भी गुलाब के दीवाने थे। तभी तो उनकी अचकन में हमेशा गुलाब का फूल लगा रहता था। यूरोप के दो देशों का राष्ट्रीय पुष्प भी सफेद गुलाब और लाल गुलाब है। कहने को गुलाब कई रंगों और रूपों में आता है। लेकिन सभी रूप और रंग प्रेम के इजहार और शांति का प्रतीक हैं। प्रपोज करने के लिए लोग आमतौर पर गुलाब के फूल की ही क्यों प्रयोग करते हैं। नहीं जानते तो अब जान लीजिए। गुलाब प्रेम का प्रतीक ही नहीं फूलों का राजा भी है। लाल, पीले, गुलाबी, सफेद और न जाने कितने ही रंगों में खिलने वाला यह फूल अपने आप में बेहद ही खास है। अपनी मनमोहक खुशबू और दिल में बस जाने वाली खूबसूरती के कारण ही गुलाब फूलों का राजा कहलाता है। दुनिया में गुलाब की लगभग 100 प्रजातियां पाई जा...
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रानी तालाब तथा इस मन्दिर का निर्माण महाराज भाव सिंह की धर्मप्रिय महारानी अजबकुँवरि (चित्तोड़ के महाराज राज सिंह की सुपुत्री ने कराया था। देवी मन्दिर रानी तालाब नगरवासियों का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। देवी मन्दिर से भैरों मन्दिर बिछिया भी पहुँचा जा सकता है। देवी मन्दिर में वर्ष में दो बार नवरात्रि के समय मेला लागाया जाता है । यहाँ दक्षिणमुखी हनुमान जी का मन्दिर दक्षिण दिशा की ओर लगभग 100 मीटर की दूरी पर स्थित है। रीवा के धर्मप्राण नरेश महाराज भाव सिंह के शासनकाल सन् 1675 में अनेक धार्मिक निर्माण कार्य हुये जिनमें रानी तालाब के पश्चिमी मेढ़ पर कालिका देवी जी का मन्दिर प्रमुख है। इसी मन्दिर से लगा हुआ माँ बगलामुखी का मंदिर हैं। लोगों की मान्यता है, कि दतिया सिद्धपीठ के अलावा केवल रीवा का रानी तालाब ही ऐसी जगह है जहाँ माँ बगलमुखी बिराजी है। भैरों मन्दिर रीवा नगर के मध्य महाराजा भाव सिंह की पत्नी चित्तौड़ महाराज राज सिंह की पुत्री महारानी अजब कुँवरि ने रानी तालाब का निर्माण सन् 1691 में कराया था। इस तालाब के बीचों-बीच आज भी तीसरी-चौथी सदी का एक शिवालय मौजूद है।...
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