कमला सुरय्या पूर्व नाम कमला दास
प्रारंभिक जीवन 31 मार्च 1934 को केरल के त्रिचूर जिले के पुन्नायुर्कुलम, (पूर्व में मालाबार जिला , मद्रास प्रैज़िडन्सी , ब्रिटिश राज ) में जन्मी कमला की बहुत ही कम उम्र में शादी हो गई थी। उस वक्त उनकी उम्र मात्र 15 साल की थी। साहित्यिक जीवन वे मात्र 15 साल की उम्र से कवितायें लिखने लगी थीं। उनकी माँ बालमणि अम्मा एक बहुत अच्छी कवयित्री थीं और उनके लेखन का कमला दास पर खासा असर पड़ा। यही कारण है कि उन्होंने कविताएँ लिखना शुरू किया। लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण उन्हें लिखने के लिए तब तक जागना पड़ता था जब तक कि पूरा परिवार सो न जाए। परिवार के सो जाने के बाद वे रसोई घर में अपना लेखन जारी रखतीं और सुबह तक लिखती रहतीं। इससे उनकी सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ा और यही कारण है कि वे बीमार रहने लगीं। वे उस समय विवादों में आईं जब उन्होंने अपने आत्मकथात्मक लेखन को माय स्टोरी नाम से संग्रहित किया। यह किताब इतनी विवादास्पद हुई और इतनी पढ़ी गई कि उसका पंद्रह विदेशी भाषाओं में अनुवाद हुआ। इसी की बदौलत उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिली। [1]...